मैं इन दिनों एक कोमल, हरित तल, नरम, नाजुक मुलायम पर्ण का सहयात्री हूँ । चौंकिए मत; दरअसल बात कर रहा हूँ, मराठी भाषा के चर्चित कवि, लेखक, संजय बोरुडे की; जो हिंदी भाषा के अच्छे जानकार हैं ।
प्रत्यक्षतः उनका हिंदी में पहला कविता संग्रह ‘पर्णसूक्त’ न्यू वर्ल्ड पब्लिकेशन से प्रकाशित होकर आया है । संग्रह की कविताओं से गुजरते हुए मुझे महसूस हुआ कि एक मराठी भाषी संजय बोरुडे साधिकार हिंदी में भी विलक्षण साहित्य रच सकते हैं ।